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Friday 28 August 2015

मेरी प्रिय बहना




तुम सुन्दर पुष्प हो, जो गृह-हरियाली निश्चित करे।
तुम्हारी उपस्थिति स्वर्णिम-सुख-रत्नों को संचित करे॥
ध्वनि कंठ से निकलेगी नहीं, यदि स्वर-विहीन हो भाषा।
तुम यदि दूर चले जाओ, तो हृदय में छाएगी निराशा॥१॥ 

Funny sister quotesपग-पग पर मेरा साथ दिया, जब भी मैं अकेला पड़ा।
जब तुम्हारी संगति मिले, तो  सुख भी बन जाए बड़ा॥
तुम्हारे अनुभव के कारण, मेरे  चरित्र का विकास हुआ।
तुम्हारे मार्गदर्शन के कारण, मुझमें सुमति का वास हुआ॥२॥

तुम मेरी मित्र हो, जो दे कुशलता का आश्वासन।
तुम मेरी शुभचिंतक हो, जो बनाये रखे अनुशासन॥
तुम मेरी प्रेरणा का स्त्रोत हो, मुझे तुम पर गर्व है।
तुम जीवन में रंग भरती हो, और मनता घर में पर्व है॥३॥      

Friday 21 August 2015

शिक्षा का सूर्योदय

नई सुबह, नया सवेरा,
शिक्षा के सूर्य से अब घर-घर होगा,
सुख और शांति का बसेरा।

धनलक्ष्मी प्रत्येक घर में तभी आएगी,
जब असाक्षरता घर छोड़ कर जाएगी।
शिक्षा द्वारा जब किया जाएगा जन-जन का चरित्र निर्माण,
तभी संभव हो सकेगा संपूर्ण राष्ट्र का कल्याण।

सफलता का आनंद उठा सकेंगे हमारे नयन,
जब प्रत्येक व्यक्ति करेगा ज्ञान का संचयन।
ज्ञान है आधुनिक काल में सर्वाधिक मूल्यवान,
संघर्ष करना होगा, कि हम बन जाएँ विद्वान।

यदि जल हमारे शरीर की प्यास को बुझाता है,
तो ज्ञान हमारी आत्मा को निंद्रा से जगाता है।
शिक्षा-मशाल 'ज्ञानाग्नि' को प्रज्ज्वलित करती है,
और जीयन-राह में आने वाले कष्टों को हरती है।                    

Friday 14 August 2015

आशाएँ

 सं सैंतालीस में मिली भारत माँ को प्रभुता,
प्राप्त हुआ था स्वर्णिम अवसर, कि लिखें नई कविता। 
किन्तु वर्तमान काल में स्थगित हो गयी है प्रगति,
इसके कारणों का उल्लेख मैं करूँगा अभी।

भ्रष्ट नेता भारत माँ का शोषण हैं करते,
और वे लोगों का चैन हैं हरते।
वे अरबों का घपला करते,
और सत्ता के लिए मरते।

जब होगा प्रशासन में सुधार,
तभी संभव होगा जान-उद्धार।
गरीबी अधिक समय तक नहीं टिक पाएगी,
जब शिक्षा घर-घर में आएगी।

आरम्भ हो गयी है इक्कीस्वीं शताब्दी,
किन्तु नियंत्रण में नहीं आई है आबादी।
यही है सभी समस्याओं का मूल कारण,
मिलकर करना होगा हमें इसका निवारण।

हम लोगों की देशभक्ति,
 है हमारी सबसे बड़ी शक्ति।
शपथ लेते हैं हम, कि  लाएँगे नई क्रांति ,
और इस देश में सदैव रहेगी शान्ति।      
   
॥ जय हिन्द ॥ 

Friday 7 August 2015

वृक्ष-गीत



विटप रसीला फल प्रदाता, जीव-जीवन-धारा है।
वायु-वीर्य स्थापित करे, प्राणी का मुख्य सहारा है॥
तरू-भक्षी मूर्ख व्यक्ति, छीने वन के अभूषण।
कठोर-दण्ड निश्चित है, कि सर्वनाश करे प्रदूषण॥१॥

हरियाली की आवश्यकता है, अनिवर्य वृक्षारोपण है।
जगत-समस्या का समाधान, मात्र वृक्ष-रक्षण है॥
पृथ्वी-रक्षा पेड़ करे, पक्षियों का निवास है।
वृक्ष-रक्षा महाकार्य, अब नर जाति के पास है॥२॥