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Wednesday 24 August 2016

विवेक सर

जिस पल से प्राप्त हुआ आपसे पढ़ने का अवसर,
तत्काल ही बन गयी हमारी सभी समस्याएं नश्वर।
आपने प्रदान किया हमें उचित मार्गदर्शन,
जिसने बढ़ाया हमारा ईको-बी.इस. के प्रति आकर्षन।
आपने हमें विवेक से प्रत्येक काम करना सिखाया,
आपने प्रतिकूल परिस्थिति को भी आनन्दमयी बनाया।
आपने हमें अध्ययन का उचित तरीक सिखाया,
जिससे हमारा लक्ष्य हमारे निकट आया।

कक्षा में चलाई विनोद की ठंडी हवा,
और सदैव सशक्त किया ज्ञान-गंगा का प्रवाह।
अपनी कक्षा में रखकर नैतिक मूल्यों को विद्यमान,
आपने हमें बनाया, एक मनुष्य चरित्रवान।
हमें है मात्र आपके आशीर्वाद की आकांक्षा,
ताकि संपन्न हो सके हमारी प्रत्येक महत्वाकांक्षा। 

Sunday 14 August 2016

15 अगस्त, 1947

पूरी दुनिया के सामने रात का अंधेरा था,
लेकिन हमारे लिए तो एक नया सवेरा था।
ग़ुलामी की बेड़ियाँ सदा के लिए टूट गई थी,
सोने की चिड़िया उनके चंगुल से छूट गई थी॥

मन रहा था घर-घर में आज़ादी का त्योहार,
ख़त्म हो गए थे अब ज़ालिम के अत्याचार।
लाल किले पर तिरंगा छू रहा था आसमान,
पा रहा था भारत पूरी दुनिया का सम्मान॥

सदियों तक रहा जिस देश में अंधकार,
आज उसको मिली रोशनी की बहार॥
खून से लिखी है यह तारीख इतिहास के पन्नों पर,
इंक़िलाब की तलवार से दुःखों ने छोड़ा हमारा घर।

उनके ख़िलाफ़ जंग में हमें मिली जीत इस पल,
हमें अब अंदर की समस्याओं का ढूँढ़ना है हल॥
पकड़ना है अब हमें प्रगति का विमान,
बनाना है हमें भारत देश को महान॥

॥जय हिन्द॥ 

Saturday 6 August 2016

मित्रता




मित्र-बंधन अतीव सुन्दर, जीवन में हर्ष भरे।
सखा हमारे हित हेतु, अथक अविरल संघर्ष करे॥
मित्र संगति आदि है, अशोष्य-आनंद-धारा का।
विनोद-रस चर्चा में भरे, वो स्रोत हास्य-फुव्वारा का॥

शीघ्र हृदय भाव को समझे और विपदा में बने सहारा।
वो कन्धा मिलाकर साथ चले और सुखद लगे जग सारा॥
दीपक-प्रकाश दीया को मिले, हिमनदी नदी जल-युक्त बनाये।
वो आत्म-विकास की प्रेरणा दे और मन को चिंता-विमुक्त बनाये॥

मित्र जीवन रंगीन बनाये और करे दुखों का सन्हार।
मित्रता वो गीत है, जो है भगवान का उपहार॥
मित्रों से प्राप्त सुख, भौतिक वस्तुओं से अतुल्य है।
सच्चे मित्र अति दुर्लभ हैं, मित्र बंधन अमूल्य है॥