विद्यानिधि गुरुवर आपको शिरसा प्रणाम।
आपके सत्-दर्शन से मिल जाएँ श्रीराम्॥
आपका ज्ञान-सिंधु लगाए तमस पर विराम।
आपकी विचक्षणता मेरा मन प्रबुद्ध करे।
आपकी प्रवीणता मेरी त्रुटियों को शुद्ध करे॥
आपका अनुभव श्रेष्ठ पथ प्रत्यक्ष करे।
आपका ज्ञान-प्रकाश सत्य-वाक् समक्ष करे॥
आपके उपदेश अज्ञान को पदक्रांत करे।
आपका मार्गदर्शन शंकाओं को शांत करे॥
आपका स्नेह मुझे सशक्त करे।
आपकी प्रसन्नता मुझे संतुष्ट करे॥
आपके सत्-दर्शन से मिल जाएँ श्रीराम्॥
आपका ज्ञान-सिंधु लगाए तमस पर विराम।
आपके देवाशीष से मिले शुभ परिणाम॥
आपकी विचक्षणता मेरा मन प्रबुद्ध करे।
आपकी प्रवीणता मेरी त्रुटियों को शुद्ध करे॥
आपका अनुभव श्रेष्ठ पथ प्रत्यक्ष करे।
आपका ज्ञान-प्रकाश सत्य-वाक् समक्ष करे॥
आपके उपदेश अज्ञान को पदक्रांत करे।
आपका मार्गदर्शन शंकाओं को शांत करे॥
आपका स्नेह मुझे सशक्त करे।
आपकी प्रसन्नता मुझे संतुष्ट करे॥
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