होने वाले हैं पूरे मेरे जीवन के इक्कीस साल,
अभी तक कर रहा है तंग मेरे मन को यह सवाल,
कि करना क्या है मुझे पढ़ाई-लिखाई के बाद,
हर कोई अनुभव अनुसार देता ज्ञान की बहार,
जिससे बढ़ता मेरे मन की शंकाओं का भार,
चल रहा है मेरे लिए उलझनों का समय,
कठिन हो रहा है लेना मेरे लिए उचित निर्णय।
पूछते हैं जब माँ-बाप कि भविष्य की क्या है योजना,
तो कहता हूँ उनसे कि इसका जवाब मुझे है खोजना,
वे निराश होकर याद दिलाते कि बीत गया है बचपन,
वह समय दूर नहीं जब अपनाना पड़ेगा स्वावलंबन।
जी रहा हूँ इन दिनों अपने भविष्य में,
जो भरा हुआ है अज्ञात रहस्यों से,
हो रहा हूँ अनिश्चित कल को लेकर चिंतित,
और हो रहा हूँ वर्तमान के चैन से वंचित।
इस उम्र की समस्या सही पथप्रदर्शक पाना ही है .. मंजिल चुनना और उस तक पहुँचने का प्रयास करना कठिन कार्य जरूर है पर मेहनत की तो फल मिलना तय है ..शुभकामनाएं उम्र 21 के युवकों को
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