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Thursday 31 December 2015

नववर्ष

यह वर्ष अपने साथ लाएगा नए-नए रंग । 
प्रार्थना है कि जीवन में बहे उल्लास की तरंग ॥ 
स्वेच्छा है कि हर्ष-गीत की लय ना हो भांग ।
और आप सभी सदैव रहें मेरे संग ॥ १ ॥ 

इस वर्ष, मैं सुधारूंगा अपना व्यक्तित्व । 
ताकि सतोगुण का रहे चिर स्थायित्व ॥ 
आलस्य का मिट जाए अस्तित्व । 
एवं प्रबल करूंगा अपना पुरुषत्व ॥ २ ॥ 

मिट जाएगा चरित्र से क्लेश | 
हट जाएगा ह्रदय से द्वेष ॥ 
प्रसारित होगा प्रेम का सन्देश । 
ताकि प्रसन्न हो सर्वज्ञ सर्वेश ॥ ३ ॥ 

आप सभी को नववर्ष का हार्दिक अभिनन्दन। 
कृपया स्वीकारें मेरा स्नेहमय आलिंगन ॥ 
ईश्वर से है मेरा यही सविनय निवेदन । 
कि हमारी मनोकामनाएँ हो जाएँ संपन्न ॥ ४ ॥ 

Sunday 6 December 2015

जय युद्धवीर


  

वीर योद्धा ले प्रतिज्ञा मातृ-भूमि त्राण की,
 सहर्ष वो प्रदान करे आहुति प्राण की ।  
आश्वस्त करे वो देश-रक्षा, यही परम संकल्प है, 
अभयपूर्वक उसने चुना, मृत्यु का विकल्प है ॥ १ ॥ 

सिंह-शक्ति सैन्य की, वो वीरता का चिह्न है ,
नृप के शस्त्र और प्रयत्न वन में अर्थहीन हैं । 
मेघ-गर्जन-चक्रवात, ये आपदा निष्प्राण है,
क्योंकि शूर एक सूर्य-तेज का बाण है ॥ २ ॥ 

भारत लक्ष्य शत्रु का, कभी भी वो प्रहार करे ,
पर वज्र-शक्ति योद्धा की, सदैव अरि-संहार करे । 
हिमगिरी का दुर्ग वैरी-दल के लिए अभेद्य है ,
क्योंकि समरवीर शौर्य का कवच अछेद्य है ॥ ३ ॥ 

वसुधैव-कुटुम्बकम की रीति भारत-देश की , 
किसी के भी प्रति नहीं, भावनाएं द्वेष की । 
किन्तु जो मुर्ख, माँ के मान पर स्वदृष्टि-पात का पाप करे , 
प्रचंड वीर सुत को देख, वो अंत में विलाप करे ॥ ४ ॥ 

शूरवीर उदार-रूप शान्ति के समय दिखाए,
वीर का करुण व्यवहार उसको लोकप्रिय बनाये । 
रणवीर युद्ध के समय, शत्रुओं को निराश करे,
उसका भीष्म काली-रूप, दैत्यों का विनाश करे ॥ ५ ॥    

सगर्व-गान जय-जवान-मंत्र का सज्जन करे , 
वीर को नमो:-नमन, भारती सर्वजन करे। 
समाज का कर्त्तव्य है कि वीर-बलि वृथा न जाए,

वो देश-विकास में हाथ दे, और भू को श्री-निवास बनाये ॥ ६ ॥

॥ जय हिन्द ॥   ॥ भारत माता की जय ॥