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Tuesday 29 September 2015

ताज महल

ताज महल मुग़ल- प्रताप- प्रतीक भारतवर्ष में ।
ताज का सुन्दर दृश्य देख, भरता हृदय हर्ष से ॥ 
ताज महल आगरा नगर का अभिमान है । 
विश्व का कोई भी स्थान, नहीं इसके सामान है ॥ १ ॥

श्वेत-रंग ताज का, पवित्र- प्रेम का सूचक है । 
शाहजहाँ - मुमताज़- प्रेम, प्रत्येक ईंट में स्थित है ॥
गगनचुम्बी गुम्बद और मीनारों का दृश्य रोमांचक है । 
श्वेत-प्रांजल- ताज से, विश्व आश्चर्यचकित है ॥ २ ॥ 

चारबाग़ चार-चाँद ताज महल पर लगाते । 
विशाल-सुर्ख-द्वार भव्य- ताज का सुन्दर रूप दिखाते ॥ 
अतुल्य ताज के समक्ष, लघु लगे चन्द्र की महिमा । 
अनन्य ताज महल है, भारत देश की गरिमा ॥ ३ ॥  
           

Saturday 19 September 2015

वर्तमान समाज

समाज निवास असत्य का, भ्रष्टता का मान है। 
नृशंसता का काल है, घृणा-भाव प्रधान है॥ 
रक्त-पात निश्चित है , हिंसा विद्यमान है। 
वर्तमान काल में, पाप वर्धमान है ॥ १ ॥  


स्वार्थी- जन उपस्थित हैं, तामस प्रवाहमान है।  
अल्पज्ञ मूर्ख हर-ओर हैं, जिनको अभिमान है  ॥ 
धूर्त-मुनि मंत्र जपे, शास्त्र का अपमान है। 
वर्तमान काल में, पाप वर्धमान है ॥ २ ॥ 

किन्तु ऊर्जा सुनीति की और सत्य शक्तिमान है ।  
ईश्वर के आशीष से, दृढ़ पुरुष बलवान है॥ 
असत का अंत, दैत्य-दहन, हम सभी का काम है । 
पाप वर्धमान है, पर पाप नाशवान है  ॥ ३ ॥ 
  

Saturday 12 September 2015

गणित-गौरव

विज्ञानराज कलावती गणित विषय महान है,
निर्माण-कार्य में गणित की भूमिका प्रधान है।
गणित मनुष्य मित्र है और जीवन का आधार है,
दिवस निर्विघ्न बीत जाए गणित पर इसका भार है ॥ १ ॥

गणित तर्क-पूर्ण है, और मनो-विकास करे,
जहाँ वो वास करे वहाँ समस्या शीघ्र निकास करे।
गणित प्रदान करे विचार-नीति और श्रेष्ठ पथ,
गंतव्य तक ले जाने वाला है वो एक सुन्दर रथ ॥ २ ॥

यदि ध्यान से देखें तो, गणित में दर्शन-ज्ञान है,
परस्पर समीकरण ठीक करें, तो हर कार्य आसान है,
जीवन एक अनुवृत्त है, जो आरोही और अवरोही है,
अतः सुखी वही व्यक्ति है, जो सदा निर्मोही है ॥ ३ ॥

विश्व को समझने हेतु गणित-ज्ञान अनिवार्य है,
 रहस्यों पर प्रकाश डालना यही इसका कार्य है।
गणित विषय असीम है, अतः गणित महान है,
वो उन्नति संभव करे, अतः उसका सम्मान है ॥ ४ ॥
 

Saturday 5 September 2015

एपीजे स्कूल पीतमपुरा

बालपन में हम सभी आये, एपीजे के द्वार,
जिसने किया हमें इस जीवन  के लिए तैयार।
हमें प्राप्त हुआ ज्ञान का उपहार,
ताकि संघर्ष की सरिता हो जाए पार ॥  १ ॥ 

इस गीली मिट्टी  को एक सुन्दर आकार दिया,
इस नन्हे पौधे को विद्या का  आहार दिया,
हम सभी विद्यार्थियों को असीम प्यार दिया,
और आपने हम सभी का उद्धार किया ॥ २ ॥ 


शिक्षकों से मिला अमुल्य मार्गदर्शन,
और हुआ हमारी अनभिज्ञता का दहन।
आपके वचनामृत ने किया उचित राह का प्रदर्शन,
ताकि सफलता से परिपूर्ण हो, हमारा नव-जीवन ॥३॥ 
हमें सदैव श्रेयस पथ को अपनाना सखाया,
और हृदय से मुश्किलों के भय को मिटाया।
निरंतर प्रोत्साहन ने चिंताओं को अर्थहीन बनाया,
आपके हितोपदेश ने, हमारी समझ को बढ़ाया ॥ ४ ॥

शिक्षा ने तैयार किया एक सशक्त आधार,
उस पर सुकार्यों की खड़ी करेंगे गगनचुंबी मीनार।
प्राप्त नैतिक मुल्य, मीनार की रक्षा करेंगे,
और बुराइयों के भूकम्प, इसे नहीं गिरा सकेंगे ॥ ५  ॥     

हमें है आपके आशीर्वाद की आवश्यकता,
कि सुनिश्चित हो जाए जीवन में सफलता। 
वचन है हमारा कि हम कुछ बन कर दिखाएंगे,
और एपीजे स्कूल का नाम रोशन करेंगे ॥ ६ ॥


             ॥ आचार्य देवो भवः ॥