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Wednesday 24 August 2016

विवेक सर

जिस पल से प्राप्त हुआ आपसे पढ़ने का अवसर,
तत्काल ही बन गयी हमारी सभी समस्याएं नश्वर।
आपने प्रदान किया हमें उचित मार्गदर्शन,
जिसने बढ़ाया हमारा ईको-बी.इस. के प्रति आकर्षन।
आपने हमें विवेक से प्रत्येक काम करना सिखाया,
आपने प्रतिकूल परिस्थिति को भी आनन्दमयी बनाया।
आपने हमें अध्ययन का उचित तरीक सिखाया,
जिससे हमारा लक्ष्य हमारे निकट आया।

कक्षा में चलाई विनोद की ठंडी हवा,
और सदैव सशक्त किया ज्ञान-गंगा का प्रवाह।
अपनी कक्षा में रखकर नैतिक मूल्यों को विद्यमान,
आपने हमें बनाया, एक मनुष्य चरित्रवान।
हमें है मात्र आपके आशीर्वाद की आकांक्षा,
ताकि संपन्न हो सके हमारी प्रत्येक महत्वाकांक्षा। 

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